परम पिता की हम स्तुति गायें,
वही है जो बचाता हमें,
सारे पापों को करता क्षमा,
सारे रोगों को करता चंगा |
1 . { धन्यवाद दें उसके आंगनो में,
आनंद से आएं उसके चरनों में, } -2
संग गीत गा कर ख़ुशी से
मुक्ति की चट्टान की जय ललकारें |
2 . { वही हमारा है परम पिता,
तरस खता है सर्व सदा, } – 2
पूरब से पश्चिम है जितनी दूर
उतनी ही दूर किये हमारे गुनाह |
3 . { माँ की तरह उसने दी, तसल्ली
दुनिया के खतरों में छोड़ा नहीं, } – 2
खालिस दूध कलाम का दिया
और दीया हमको अनन्त जीवन |
4 . { चरवाहे की मानिंद ढूंढा उसने,
पापों की कीच से निकाला हमें, } – 2
हम को बचाने को जान अपनी दी
ताकि हाथ में हम उसके रहें |
5 . { घोंसले को बार-बार तोड़कर उसने
चाहा की सीखें हम उड़ना उससे, } – 2
परों पर उठाया उकाब की तरह
ताकि हम को चोट न लगें|