पावन है वह प्रभु हमारा
उसकी जय, जयकार करो
निर्बल का वह बल है न्यारा,
उसकी जय जयकार करो
जय हो (6)
1. { दीन दुखियों का है दाता
भटके हुओं को राह दिखाता } – 2
सीधे मार्ग में हमें चलाता – 2
उसकी जय जयकार करो………
जय हो (6)
2. { प्रभु हमारा बड़ा महान
निबुर्द्धियों को देता ज्ञान } – 2
पतितों का वह बचाता प्रण – 2
उसकी जय जयकार करो……..
जय हो (6)
3. { प्रभु की महिमा अपरम्पार
जग का वह है तारणहार } – 2
मानो उसे अपना आधार – 2
उसकी जय जयकार करो……..
जय हो (6)